प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के फायदे और नुकसान

हम प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च खाने को लेकर चर्चा कर रहे हैं.

जैसे कि कितनी मात्रा में शिमला मिर्च खानी चाहिए. कब खानी चाहिए. उसकी न्यूट्रिशन वैल्यू किया है. आप खाए या नहीं खाए आदि कई सारे विषय पर बात की थी. 


प्रेगनेंसी में शिमला मिर्च के फायदे और नुकसान


प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च खाने के कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं. कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं.
आप अपने शरीर के अनुसार अपनी प्रेग्नेंसी के अनुसार इस बात का ध्यान रख पाए, आइडिया लगा पाए कि आपको अपनी प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च खाने चाहिए या नहीं खानी चाहिए.

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल

प्रेगनेंसी के दौरान महिला का कोलेस्ट्रॉल बिल्कुल संयमित होना चाहिए. अगर महिला संयमित मात्रा में शिमला मिर्च का सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करती है, तो यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है.

दरअसल इसमें फाइबर पाया जाता है. जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में काफी मदद करता है.

मधुमेह नियंत्रण

शिमला मिर्च के प्रयोग से मधुमेह की समस्या को भी नियंत्रित किया जा सकता है. एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार शिमला मिर्च के अंदर anti-diabetic पाए जाते हैं, जो नेचुरल हैं.

यह ब्लड शुगर को भी कम करने में मदद करते हैं. तो अगर किसी गर्भवती महिला को मधुमेह की समस्या है तो अगर वह शिमला मिर्च का प्रयोग करती है, तो उसे मधुमेह को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी.

ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाव

गर्भावस्था में ऑक्सीडेटिव तनाव कई जटिलताओं को पैदा कर सकता है, जिसमें गर्भपात, प्रीक्लेम्पसिया (उच्च रक्तचाप विकार), समय से पहले बच्चे का जन्म और भ्रूण के विकास में बाधा शामिल है.

यहां शिमला मिर्च कुछ हद तक मददगार हो सकती है, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने व इससे बचाव में मदद कर सकता है.

वजन का नियंत्रण

हालांकि वजन के नियंत्रण में काफी सारे फैक्टर कार्य करते हैं. लेकिन शिमला मिर्च इसमें काफी सहायक साबित हो सकती है. इसके अंदर कैप्साइसिनोइड्स  नाम का तत्व पाया जाता है, जो ऊर्जा की खपत को बढ़ाने के लिए कार्य करता है.

साथ ही अत्यधिक भूख को भी नियंत्रित करता है, और दूसरी बात शिमला मिर्च के अंदर कैलोरी भी ना के बराबर होती है, तो कुल मिलाकर इन सब वजहों से यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है.

हृदय के स्वास्थ्य के लिए

शिमला मिर्च का प्रयोग हृदय के लिए भी काफी लाभकारी होता है. एक वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार ऑक्सीडेटिव डैमेज हृदय रोग का कारण बनता है, और यह उस को कंट्रोल करने का कार्य करता है.
इस वजह से यह ह्रदय के लिए काफी सुरक्षित मानी जाती है. इससे हृदय संबंधी रोगों के जोखिम कम होते हैं.

प्रतिरोधक क्षमता का विकास

 इसके अंदर विटामिन सी पाया जाता है. जिसकी मदद से शरीर की इम्यून पावर को बढ़ाया जा सकता है.

बर्थ डिफेक्ट्स कंट्रोल

बच्चे के अंदर बर्थ डिफेक्ट कंट्रोल करने के लिए शिमला मिर्च का सेवन उचित माना जाता है. क्योंकि इसके अंदर अच्छी मात्रा में फोलेट पाया जाता है जो बर्थ डिफेक्ट को, उसके जोखिम को कम करता है.

शिमला मिर्च के साइड इफेक्ट

जैसा कि हमने पिछले वीडियो में बताया है कि अगर आप की प्रेगनेंसी में जरा सी भी कंप्लीट केशन होने की संभावना हो तो आप इसे डॉक्टर से पूछ कर ही प्रयोग में करें क्योंकि इसके कुछ साइड इफेक्ट होते हैं. इन पर चर्चा कर लेते हैं.

  • शिमला मिर्च का सेवन अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अधिक सेवन करती हैं, तो उससे ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा हो जाता है. इसलिए जो महिलाएं उच्च रक्तचाप अर्थात हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रसित हैं, उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च का प्रयोग अपने भोजन में करने से बचना चाहिए या अत्यधिक सीमित मात्रा में करें.

  • कई बार महिलाओं को शिमला मिर्च से एलर्जी की समस्या होती है. ऐसे में जिन महिलाओं को एलर्जी की समस्या है.

  • उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च का प्रयोग अपने भोजन के माध्यम से नहीं करना चाहिए. जिन महिलाओं को लो ब्लड शुगर की समस्या है, उन्हें भी प्रेगनेंसी के दौरान शिमला मिर्च का प्रयोग नहीं करना चाहिए.

  • अगर आप किसी कारणवश रक्त के थक्के को कम करने वाली दवाई का प्रयोग कर रही हैं तो शिमला मिर्च का सेवन अक्सर आपकी समस्या को बढ़ा सकता है.


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