प्रेगनेंसी में तुरई खाने के फायदे और नुकसान

हम भारत में पाई जाने वाली एक सब्जी जिसे हम तुरई के नाम से मुख्यतः जानते हैं. इस सब्जी के प्रेगनेंसी में फायदे और नुकसान को लेकर चर्चा करने वाले है. दोस्तों तुरई को और भी कई नामों से जाना जाता है जैसे की बुरकई, रामतुरई, नेनुआ,तोरी, घिसोडा इत्यादि.
हम बात करेंगे कि….

तुरई क्या है, तुरई की सब्जी खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं, तुरई खाने के क्या क्या नुकसान है,आदि. 


तुरई क्या है

तुरई भारत में पाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण सब्जी है. जिसका प्रयोग बड़ी मात्रा में देश के अंदर भोजन के रूप में किया जाता है, इसलिए इससे कोई व्यक्ति अनजान हो ऐसा कम ही संभव है. हालांकि देश के अंदर इससे विभिन्न नामों से जाना जाता है. आप स्क्रीन पर इमेज के माध्यम से इसे पहचान सकते हैं.

इसका प्रयोग जड़ी-बूटी के रूप में भी किया जाता है और यह हल्का और सुपाच्य भोजन भी है. जब व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ जाती है, तब तुरई को भोजन में शामिल करने की सलाह डॉक्टर देते हैं.

तुरई के बीजों को जमीन में बोया जाता है और उससे एक बेल निकलती है और इन बेलों के ऊपर तुरई का उत्पादन होता है.

तुरई खाने के क्या-क्या फायदे होते हैं

प्रेगनेंसी के दौरान तुरई खाने के काफी सारे फायदे नजर आते हैं ---

डायबिटीज में मददगार

प्रेगनेंसी के दौरान होने वाले जेस्टेशनल डायबिटीज या महिला को अगर टाइप 2 डायबिटीज है, तो उसमें तुरई खाना फायदेमंद होता है, क्योंकि इसके क्योंकि यह एक Low -Carb भोज्य पदार्थ है.
इससे ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रहता है.
इंसुलिन के स्तर को यह कम करने में मदद करती है.
रक्त की शर्करा को भी नियंत्रित रखती है.

पाचन क्रिया में सहायक

हारमोंस के साइड इफेक्ट के कारण गर्भवती महिला की पाचन क्रिया थोड़ा कमजोर हो जाती है. ऐसे में तुरई एक ऐसा भोज्य पदार्थ है, जो बहुत जल्दी पच जाता है.  इसमें फाइबर भी होता है, जो कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है.

एसिडिटी को करें कंट्रोल

अपच के कारण एसिडिटी की समस्या नजर आती है. तुरई अपच को कंट्रोल करती है. साथ ही साथ तुरई के अंदर छारीय तत्व की अधिकता होती है, जिस वजह से एसिडिटी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.

वजन नियंत्रित करने में मददगार  

आजकल अधिकतर फूड में कैलोरी की उच्च मात्रा होती है. जिसका प्रयोग हम बहुत ज्यादा आजकल भोजन में करने लगे हैं. तुरई एक ऐसा भोज्य पदार्थ है, जिसके अंदर कैलोरी नाममात्र को होती है. अगर गर्भवती महिला का वजन किसी कारणवश आवश्यकता से अधिक है तो वह अगर तोरई का सेवन अपने भोजन के माध्यम से करती है, तो यह उसके वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है.

स्किन के लिए फायदेमंद

प्रेगनेंसी के दौरान महिला की त्वचा पर लगभग 10 से भी अधिक प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं. तुरई के अंदर एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के अंदर फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान लोगों को बचाने में काफी मदद करती है. आपकी त्वचा को यह स्वस्थ बनाए रखने में आपकी हेल्प करेगी और फ्री रेडिकल से होने वाली दूसरी समस्याएं जैसे कि कैंसर जैसी समस्याएं इनमें भी मदद करती है.    

हाई ब्लड प्रेशर नियंत्रण

तुरई के अंदर पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है. यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में काफी मददगार होता है. ऐसे में दिल की बीमारी होने का खतरा भी काफी कम हो जाता है. तुरई एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को शरीर से कम करने में मदद करता है जिससे दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

तोरई के दुष्प्रभाव

इस सब्जी के कोई विशेष दुष्प्रभाव देखने में नजर नहीं आते हैं. अगर किसी महिला को इस से एलर्जी हो तो बात दूसरी है.

अगर महिला का ब्लड प्रेशर कम रहता है तो इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि यह ब्लड प्रेशर को कम करता है.

कभी-कभी इसका थोड़ा अधिक इस्तेमाल करने पर उल्टी या दस्त जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं इसलिए कुछ समस्या हो तो अपने डॉक्टर से इस संबंध में जरूर बात करें.

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