क्या नाभि में तेल लगाना प्रेगनेंसी में मदद कर सकता है

 दोस्तो आयुर्वेद में नाभि में तेल लगाने को लेकर काफी सारे दावे किए जाते हैं. माना जाता है, कि बहुत सारी समस्याओं का समाधान नाभि में तेल लगाने से हो जाता है.

 नाभि में विभिन्न प्रकार के तीनों को लगाने से विभिन्न प्रकार के समस्याओं का समाधान होता है, और इनडायरेक्टली यह भी माना जाता है कि यह प्रेगनेंसी को कंसीव कराने में भी काफी मदद कर सकता है.

नाभि हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है. यह तो जन्म से पहले भी बहुत महत्वपूर्ण होती है. यह हमारे शरीर के ऊर्जा केंद्रों में से एक ऊर्जा केंद्र मानी जाती है, और नाभि के नीचे हमारे शरीर की एक महत्वपूर्ण ग्रंथि होती है, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों से डायरेक्ट जुड़ी हुई होती है.


नाभि में अगर हम नियमित तौर पर तेल लगाते हैं, तो यह हमारे शरीर के बहुत सारे अंगों को पोषण देने का कार्य करती है.

हमारे शरीर की खास बात यही है, कि शरीर के सभी अंग और गतिविधियां एक-दूसरे से जुड़ी भी होती हैं.
अगर शरीर के किसी भी अंग पर या गतिविधि पर प्रभाव पड़ता है, तो वह शरीर की दूसरे अंग और गतिविधियों पर अपना प्रभाव छोड़ता है.

ऐसे ही अगर महिला को प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, कुछ समस्या है, या पुरुष के साथ कुछ समस्या है, तो इस समस्या में भी शरीर के दूसरे अंगों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है. उनकी कार्यविधि भी प्रभावित करती है.

हमारे पेट का हमारे शरीर के सभी अंगों पर और कार्यविधि पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. क्योंकि आंतों के द्वारा शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का अवशोषण होता है, और पाचन क्रिया सुचारू होनी चाहिए. यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है.
 


नाभि हमारे पेट के बिल्कुल बीच में होती है. अगर हम रोजाना नाभि पर तेल लगाते हैं, तो इससे सबसे महत्वपूर्ण कार्य तो यही है, कि यह हमारे पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है. पाचन क्रिया मजबूत होने से शरीर को सभी प्रकार के पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में और सही अनुपात में प्राप्त होते हैं. हमारी 50% प्रॉब्लम यही से समाप्त हो जाती है.

नाभि पर तेल लगाने से एक कार्य और होता है. हमारे शरीर की जितना भी नर्वस सिस्टम है, सभी नर्व के अंदर फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ने लगती है. यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इससे शरीर में कई प्रकार के दर्द और सूजन इसमें सहायता मिलती है. समाप्त होने लगते हैं.

हमारे शरीर के सभी अंग और गतिविधियां इन्हीं नर्वस सिस्टम के माध्यम से संचालित होती हैं, तो अगर हमारे शरीर की  नलिकाए मजबूत होंगी, फ्लैक्सिबल होंगी, तो वह अपने कार्य को श्रेष्ठ तरीके से कर पाने में सक्षम होंगी.

यहां एक बात यह समझने वाली है, कि शरीर के सभी आवश्यक कार्य और संचालन अपने आप धीरे-धीरे मजबूत होने लगता है, और शरीर की कार्य क्षमता बढ़ जाती है. वह कोई भी कार्य हो सकता है.

चूंकि नाभि पेट पर होती है, इसलिए यह प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करती है. नाभि में तेल लगाने से प्रजनन क्षमता बढ़ती है. नाभि पर तेल लगाकर मालिश करने से प्रजनन क्षमता दुरुस्त होती है. नारियल तेल या जैतून का तेल भी आप नाभि पर लगा सकते हैं. इससे शरीर अधिक फर्टाइल बनता है। ये सभी तेल पुरुषों के शुक्राणु को भी स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.

नाभि पर तेल लगाने से महिला के पीरियड नियमित करने में भी मदद मिलती है. अगर इस वजह से प्रेगनेंसी नहीं हो रही है, या तो लाभ मिलता है.

प्रेगनेंसी में होने वाले पीरियड में होने वाले जो दर्द हैं, नाभि पर तेल लगाने से उसमें भी राहत मिलती है. ऐसा आयुर्वेद कहता है.

 तो कहीं ना कहीं यह महिला के प्रजनन तंत्र को काफी ज्यादा मदद करता है.

हर एक तरह की परेशानी में तो यह प्रेगनेंसी नहीं करवा सकता है लेकिन अगर छोटी-मोटी समस्याएं हैं जैसे कि

  • शरीर में किसी प्रकार की हार्मोनल बैलेंस नहीं है
  • नर्वस सिस्टम प्रॉपर तरीके से काम नहीं कर रहा है
  • पुरुष को शुक्राणुओं सही तरीके से नहीं बन रहे हैं

तो यह शरीर पर काम करके इन समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, तो इन वजह से अगर प्रेगनेंसी नहीं हो रही है तो प्रेगनेंसी में मदद हो जाती है.

क्योंकि प्रेगनेंसी में और प्रजनन तंत्र में नर्वस सिस्टम ही कार्य करता है और अगर नर्वस सिस्टम स्ट्रांग है तो प्रेगनेंसी में काफी सहायता होती है.

हालांकि आपको लग सकता है कि यह बहुत छोटी सी बात है लेकिन यह बहुत महत्वपूर्ण बातें हैं. अधिकतर मामलों में इन्हीं छोटी-छोटी समस्याओं की वजह से प्रेगनेंसी नहीं होती है.

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