अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है | अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम

 किसी भी महिला के लिए प्रेगनेंसी एक बहुत बड़ा कार्य होता है और प्रेगनेंसी हो जाने पर किसी भी महिला की लाइफ 180 अंश बदल जाती है इसलिए अपनी वर्तमान लाइफस्टाइल को एकदम से चेंज करके प्रेगनेंसी को एक्सेप्ट करना हर एक महिला के लिए बिल्कुल भी संभव नहीं होता है प्रेगनेंसी एक ऐसी चीज है जिसके लिए काफी प्लानिंग की आवश्यकता होती है.

प्रेगनेंसी कंप्लीट होने के बाद घर पर एक मेंबर बढ़ जाता है और अगले 5 से 10 साल तक उसकी विशेष रुप से देखभाल करने की भी आवश्यकता होती है. 

 

अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है | अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम

सामाजिक मान्यता के अनुसार महिला की ही है जिम्मेदारी होती है कि वह शिशु को पाल पोस कर बड़ा करें. इसलिए कभी-कभी ऐसी परिस्थिति होती है कि महिला प्रेगनेंसी को एक्सेप्ट नहीं कर पाने की स्थिति में होती है. इसलिए वह गर्भपात की ओर जाना पसंद करती हैं.

इसके अलावा और भी बहुत सारे दूसरे के कारण होते हैं जिसकी वजह से गर्भपात की आवश्यकता हो जाती है.
प्रेगनेंसी हो जाने पर अनवांटेड किट के द्वारा गर्भपात कराने लगा कराना यह एक सबसे अधिक प्रयोग में लाया जाने वाला तरीका है. इसके माध्यम से घर पर ही महिला गर्भपात की क्रियाविधि को पूर्ण कर सकती है.
 हालांकि यह 1 महीने 15 दिन तक की प्रेगनेंसी के लिए ही उचित रहता है.

कई बार महिलाएं इतना डर जाती है कि वह चाहती हैं कि उनका गर्भपात जल्दी से जल्दी हो जाए और इस वजह से वह यह जानना चाहती है कि अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है.

अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम: अनवांटेड किट का प्रयोग करने के 12 घंटे से लेकर 48 घंटे के बीच में महिला को पीरियड आ जाते हैं.
इस किट का प्रयोग करने से पहले आप इस बात के लिए आवश्यक कंफर्म हो जाए, आप वास्तव में गर्भवती है. क्योंकि कभी-कभी पीरियड मिस होना दूसरे कारणों की वजह से भी होता है.{alertInfo}

अनवांटेड ७२ किट कैसे काम करता है

अनवांटेड किट दो प्रकार की मेडिसन का कॉन्बिनेशन होता है. जिनके दो अलग-अलग कार्य होते हैं. इस वजह से महिलाओं को गर्भपात हो जाता है.

मिसोप्रोस्टोल और  मिफेप्रिस्टोन नाम की दो दवाएं होती है.

मिफेप्रिस्टोन
महिला के शरीर में गर्मी पैदा करके संकुचन पैदा करने का कार्य करती है जिस वजह से गर्भपात के लिए शरीर उत्तेजित हो जाता है.

मिसोप्रोस्टोल का कार्य हार्मोन को नियंत्रित करना होता है. प्रेगनेंसी को सुरक्षित रखने और आगे बढ़ाने का कार्य प्रमुख रूप से महिला के शरीर में हारमोंस करते हैं. जिसमें प्रोजेस्ट्रोन हारमोंस बहुत प्रमुख होता है.

यह महिला के शरीर में होने वाले गर्भपात को रोकने के लिए जिम्मेदार होता है. अगर इसकी मात्रा कम हो जाती है तो महिला को गर्भपात हो जाता है.

यह मेडिसन प्रोजेस्ट्रोन की मात्रा को नियंत्रित करती है, और गर्भपात को उत्तेजित करती है. जिसके कारण गर्भपात की परिस्थिति बन जाती है और संकुचन की वजह से गर्भपात हो जाता है.

इसका प्रयोग करने से अलग-अलग महिलाओं को अलग-अलग प्रकार के लक्षण प्रकट हो सकते हैं, जो काफी तीव्र होते हैं. जैसे कि --

  • महिला को पेट में तेज मरोड़ या दर्द के महसूस हो सकता है.
  • कई बार महिलाओं को उल्टी मतली जैसी समस्याएं नजर आती है.
  • और भी दूसरे प्रकार के लक्षण नजर आते हैं.

महिला को 48 घंटे के अंदर अंदर ब्लडिंग चालू हो जाती है और गर्भपात की प्रोसेस शुरू हो जाती है.
कुछ बातें आपको पता होनी चाहिए.

यह जबर्दस्ती गर्भपात कराने जैसा होता है और जबर्दस्ती गर्भपात कराने से महिला के शरीर को काफी नुकसान होता है कभी-कभी अधिक बार इसका प्रयोग करने से महिला के मां बनने की क्षमता प्रभावित हो जाती है.

महिला के हार्मोन डिसबैलेंस हो सकते हैं. महिला के पीरियड अनियमित होने का डर रहता है. यह अपने आप में काफी बड़ी प्रॉब्लम है

शरीर में और भी दूसरे प्रकार की कमियां धीरे-धीरे आने लगती हैं.

निष्कर्ष

गर्भपात में इस प्रकार की टेबलेट प्रयोग करने से अच्छा है कि आप पहले ही सावधानी रखें. आपको प्रेगनेंसी नहीं होनी चाहिए.
इस प्रकार की टेबलेट का प्रयोग करने से आप हमेशा बचे. यह शारीरिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सही नहीं है.
लेकिन अगर प्रेगनेंसी हो गई है, और उसे आप आगे नहीं ले जा सकते हैं तो इससे अच्छा दूसरा ऑप्शन भी नहीं होता है.

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