डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए - डिलीवरी के बाद देखभाल

हम महिलाओं की डिलीवरी के बाद जो उनके 40 दिन का सूतक पीरियड होता है उसकी महत्ता को लेकर बात कर रहे हैं.

सूतक पीरियड किसी भी नवजात बच्चे की माता के लिए क्यों इतना अधिक आवश्यक होता है,और इसमें क्यों सावधान देखने के लिए कहा जाता है.

प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद के 40 दिन दोनों ही अपने आप में बहुत ज्यादा ऑपोजिट गुण लिए हुए होते हैं.

जहां प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना होता है कि उसे किसी भी प्रकार से गर्म तासीर का भोजन आवश्यक मात्रा से ज्यादा नहीं लेना है. प्रेगनेंसी के दौरान ऐसा भोजन स्ट्रिक्टली अवॉइड किया जाता है.

डिलीवरी के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए - डिलीवरी के बाद देखभाल

इस प्रकार का भोजन महिला को गर्भपात की ओर ले जाने में बहुत अधिक सक्षम होता है. इसलिए ठंडी तासीर के भोजन पर प्रेगनेंसी के दौरान बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है, और सभी आवश्यक पोषक तत्व ठंडी तासीर के भोजन से ही ग्रहण करना आवश्यक माना जाता है.

जब महिला की डिलीवरी करीब आती है या महिला की डिलीवरी का समय निकल जाता है, और डिलीवरी किसी कारणवश नहीं हो पा रही है, तो फिर गर्म तासीर के भोजन को ग्रहण करने के लिए कहा जाता है, लेकिन यह भी किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही लेना चाहिए. यह इसलिए ताकि डिलीवरी हो जाए.

अब जैसे ही महिला की डिलीवरी हो जाती है उसके बाद स्थिति एकदम बदल जाती है.

क्योंकि और डिलीवरी के बाद महिला को बिल्कुल भी ठंडी तासीर का भोजन नहीं लेना चाहिए. गर्म तासीर का भोजन लेना चाहिए. और यह भोजन लगभग 40 दिन तक लगातार लेना चाहिए. अन्यथा महिलाओं के शरीर में कई प्रकार की समस्या आ जाती हैं ऐसा माना जाता है.

जब महिला की डिलीवरी का समय निकट आता है, तो महिला के शरीर में बहुत सारे हारमोंस डिलीवरी के समय एक्टिव होते हैं, और महिला के शरीर की ऊर्जा काफी ज्यादा बढ़ जाती है.

शरीर गर्म होने लगता है. यह सब इसलिए होता है ताकि गर्भवती महिला को डिलीवरी के समय अधिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.

हालांकि उसके बाद भी महिलाओं को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. माना जाता है, कि महिलाओं को डिलीवरी के दौरान 100 हड्डियों के टूटने के बराबर दर्द का अनुभव होता है.

लेकिन जब महिला के शरीर की एनर्जी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, तो इससे शरीर के अंगों में फ्लैक्सेबिलिटी आ जाती है, और शरीर गर्म रहता है. इस वजह से डिलीवरी में इतना अधिक दर्द का सामना नहीं करना पड़ता है.

लेकिन शरीर की यह गर्मी धीरे-धीरे ही आने वाले समय में शांत होती है. माना जाता है कि यह गर्मी 40 दिन का समय लेती है. तब जाकर कहीं शरीर अपनी पुरानी अवस्था में लौट पाता है.

इस दौरान महिला को बिल्कुल भी ठंडी तासीर वाले भोजन का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यह भोजन महिलाओं को अत्यधिक नुकसान देता है.

हालांकि यह नुकसान आपको एकदम से महसूस नहीं होगा. लेकिन इस वजह से शरीर अत्यधिक कमजोर हो जाता है.

यह आप इस प्रकार से समझिए, जैसे कि आप एकदम से गर्म लोहे पर अगर पानी डाल देते हैं, तो उसके अंदर भंगुर होने के गुण उत्पन्न हो जाते हैं. अर्थात वह भुरभुरा हो जाता है, और एकदम से टूट जाता है.

यही कुछ हमारे शरीर के साथ भी होता है. डिलीवरी के बाद शरीर अत्यधिक गर्म रहता है. इसलिए गर्म शरीर को ठंडी तासीर वाला भोजन अत्यधिक नुकसान देता है.

कई बार यह देखा गया है कि 8 से 10 दिन के आराम के बाद हर प्रकार के कार्य को करने की छूट दे देते हैं, जबकि यह अत्यधिक गलत है. आयुर्वेद के अनुसार महिलाओं को 40 दिन तक किसी भी ठंडे वातावरण में और ठंडे पानी से नहाने में, छूने में, पीने में परहेज करना चाहिए, और भोजन भी ऐसा खाना चाहिए, किस की तासीर जिस की तासीर गर्म होती है.

क्योंकि शरीर को जो नुकसान ठंडी तासीर वाले भोजन से या ठंड में रहने से होता है. वह हमें एकदम से दिखाई नहीं पड़ता है. हालांकि दो-तीन साल तक भी नजर नहीं आता है. क्योंकि शरीर जवान होता है. उसके अंदर इनर्जी होती है.  तो समस्या नजर नहीं आती है.

हालांकि शरीर कमजोर हो जाता है. शरीर के अंदर की यह कमी आपको 40 की उम्र पार करते करते नजर आने लगेगी.
आपके शरीर में अत्यधिक दर्द रहने लगेगा.
ठंड में दर्द होगा.
आपकी इम्यून शक्ति वास्तव में कमजोर उस दौरान हो जाती है.
जिसकी कमजोरी 40 साल की उम्र के बाद आपको नजर आएगी, और धीरे-धीरे आप बड़ी बड़ी बीमारियों में गिरती भी नजर आएंगी.

मात्र अगर महिला 40 दिन का परहेज कर लेती है, तो शरीर मजबूत रहता है. समस्याएं आगे चलकर नहीं आती है.

हमारे समाज के अंदर सभी परिवार वाले एक साथ रहा करते थे, और ऐसे समय पर महिलाएं एक दूसरे की मदद करके एक दूसरे को स्वस्थ रखने का कार्य करती थी, लेकिन आजकल न्यूक्लियर अर्थात एकल फैमिली हो गई है.

महिलाओं को सभी कुछ अपने आप ही करना होता है. मात्र 5 से 10 दिन के आराम के बाद उन्हें दोबारा से अपने कामों पर आना पड़ता है, और आप आजकल देख भी रहे होंगे, कि 40 साल के बाद महिला की सेहत पहली महिलाओं की तुलना में अब अधिक खराब रहती है .

प्रेगनेंसी के बाद के यह 40 दिन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. यह 40 दिन महिलाओं को स्वस्थ भी रख सकते हैं, और आने वाले समय में उन्हें बीमार भी बना सकते हैं.

 इसलिए आप इस बात का विशेष ध्यान रखें किसी भी व्यक्ति के महिला के या डॉक्टर के बहकावे में नहीं आए क्योंकि 5 साल दिक्कत नहीं आएगी लेकिन उसके बाद तो आपको परेशानी उठानी पड़ेगी.

डिलीवरी के बाद देखभाल लगभग 40 दिन तक होनी चाहिए यह अत्यधिक आवश्यक है.


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