बच्चा पैदा होने के बाद 1 महीने तक किस-किस प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त
हो सकता है. अगर माता-पिता को इस बात की जानकारी रहेगी तो वह छोटी-छोटी
बातों का ध्यान रखेंगे, तो बच्चे को किसी भी प्रकार की हर समस्या कम से कम
ही होगी.
हम सभी जानते हैं, कि जब बच्चा छोटा होता है, तो उसे किस
प्रकार की समस्या है. इसका पता लगाना अत्यंत कठिन होता है, और हमें मात्र
अंदाजा ही लगाना होता है.
ऐसे बच्चे का ध्यान भी बहुत ज्यादा रखा जाता है. कहीं उसे किसी प्रकार की समस्या नहीं हो जाए, मात्र बच्चा रो सकता है, और वह यह भी नहीं बता सकता कि उसे किस प्रकार की बीमारी है, तो यह भी एक बड़ी समस्या माता-पिता के लिए है.
छोटे बच्चों को कुछ निम्न प्रकार की हेल्थ से संबंधित समस्या हो सकती है, जो इस प्रकार से हैं.
1 महीने के बच्चे को कब्ज
छोटे बच्चों को अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है. यह भी माता-पिता को ही देखना होता है, कि बच्चे को कब्ज हो गया है, या नहीं हो गया है. इसके लिए आप कुछ लक्षणों पर ध्यान दें.जैसे कि ----
अगर बच्चा मल त्यागने में 10 से 15 मिनट का समय लेता है.
इस दौरान उसका चेहरा लाल हो जाए, या तीन तीन दिन तक वह मल को त्याग नहीं करता है.
समझ जाना चाहिए कि उसे कब्ज की समस्या हो गई है, और इस संबंध में डॉक्टर से अवश्य मिले.
1 महीने के बच्चे को क्रैडल कैप
इसमें
शिशु के सिर पर पपड़ीदार पैच बन जाते हैं. आमतौर पर यह सिर को धोने से या
फिर अपने आप ठीक हो जाते हैं. वैसे भी हमारे शरीर की त्वचा कुछ ही दिनों
में डेड हो जाती है, और वह अपनी बनकर ही निकल जाती है.
अगर यह
समस्या बच्चे को लगातार हो रही है, ठीक नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से मिलना
चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
1 महीने के बच्चे को सर्दी खांसी
1 महीने के बच्चे को उल्टी
1 महीने के बच्चे को डायरिया
अगर शिशु का मल पानी की तरह पतला है, और मल लगातार हो रहा है, तो इससे शिशु में पानी की कमी हो सकती है.
इसलिए,
शिशु को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए. आमतौर पर शिशु दूध पीने के
बाद थोड़ी-सी मात्रा में हल्का ठोस व हल्का पतला मल त्याग कर सकते हैं. ऐसा
गैस्ट्रो कोलिक रिफ्लेक्स के कारण होता है और यह सामान्य है.
1 महीने के बच्चे को गैस की समस्या
1 महीने के बच्चे को एलर्जी
1 महीने के बच्चे को कोलिक
1 महीने के बच्चे को मुंहासे
1 महीने के बच्चे को खाज खुजली
बच्चे की त्वचा बहुत ज्यादा सेंसिटिव होती है और उसकी immune शक्ति भी थोड़ा कमजोर होती है, तो ऐसे में बच्चे को भारी वातावरण की गंदगी की वजह से या पोलूशन की वजह से त्वचा में खाज खुजली और दूसरे प्रकार की समस्या देखने में आ सकती है. इन सब चीजों का भी आपको ध्यान रखना है.आपके प्रश्न
Q. नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
ANS: नवजात शिशु 1 दिन में लगभग 20 बार अपनी माता का दूध पी सकता है. बच्चे के दूध पीने की मात्रा थोड़ा अधिक किया थोड़ा कम भी हो सकती है. यह अलग-अलग बच्चे पर उसकी आवश्यकता आवश्यकता पर निर्भर करता है.यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि बच्चा एक बार में कितना दूध पीता है. नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए, यह बिल्कुल भी निश्चित नहीं है.
बच्चा जब भी दूध पीने की डिमांड करेगा, आपको उसे दूध पिलाना होगा और धीरे-धीरे समझ जाएंगे बच्चा कब कब दूध की डिमांड करता है.
Q. नवजात शिशु को सर्दी खांसी के घरेलू उपाय?
ANS: नवजात शिशु को खांसी होने पर क्या करें, यह बड़ा कॉमन प्रश्न है. बच्चा माता का ही दूध पीता है. इसलिए महिला को गर्म तासीर के भोज्य पदार्थ डिलीवरी के बाद खाना बताया जाता है. यह अत्यधिक आवश्यक है.कम से कम 40 दिन तक इस बात का ध्यान महिला को रखना चाहिए. साथ ही साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि महिला को भी खांसी जुखाम नहीं हो.
इस बात का ध्यान रखें बच्चे के आसपास का वातावरण जल्दी-जल्दी नहीं बदलना चाहिए. यह भी सर्दी खांसी जुकाम का कारण बनता है.
Q. नवजात शिशु की उल्टी रोकने के उपाय?
ANS: नवजात शिशु अपनी माता का दूध पीता है. यह नवजात शिशु का ट्रेनिंग पीरियड होता है. यह कभी-कभी दूध के साथ साथ हवा को भी निगल लेता है. इस कारण से बच्चा अक्सर दूध को उलट देता है और यह समस्या लगभग हर बार दूध पीने के बाद आ सकती है.यह कोई समस्या वाली बात नहीं है. बच्चे को दूध पिलाने के बाद आप उसे गोद में लेकर थोड़ा सा हिलाए और कमर पर हल्के हाथों से थपकी दे, तो उसे डकार आ जाएगी. वह फिर दूध नहीं उल्टेगा. यह नवजात शिशु की उल्टी रोकने का आसान उपाय है.
अगर गैस या अपच की वजह से बच्चे को उल्टी आ रही है, तो वह लगातार आएंगी. उस अवस्था में तुरंत डॉक्टर से मिलने की आवश्यकता होती है.