प्रेगनेंसी में खाने पीने पर बहुत ज्यादा ध्यान रखा जाता है. माता-पिता चाहते हैं, कि उनका होने वाला बच्चा स्वस्थ हो, तथा दिमाग से काफी तेज हो तो बहुत अच्छा है. इसके लिए तरह-तरह के खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है. जो कि शायद वह daily लाइफ में नहीं खाते हैं. उनका भी प्रयोग करते हैं.
दोस्तों आज हम आपको ऐसे ही एक सुपर फूड के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसे प्रेगनेंसी का सुपरफूड कहते हैं,
यह आपके आसपास बड़ी ही आसानी से मिल जाता है, और वैज्ञानिकों के द्वारा शोध से यह पता चला है, कि यह बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत आवश्यक होता है.
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प्रेगनेंसी में कॉलिन का महत्व
यूरोपियन फूड सेफ्टी अथोरिटी का मानना है, कि कोलीन एक ऐसा पोषक तत्व है, जो हमारे शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है. और अगर गर्भवती महिलाएं इसे अपनी डाइट में लें तो बच्चे का दिमाग, स्पाइनल कॉड और सीखने की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है.
प्रेग्नेंसी के दौरान दूसरे महीने से अगर कोलीन का सेवन शुरू कर दिया जाए, तो बच्चे की याद्दाशत और सीखने की क्षमता बढ़ती है.
प्रेग्नेंसी के दौरान दूसरे महीने से अगर कोलीन का सेवन शुरू कर दिया जाए, तो बच्चे की याद्दाशत और सीखने की क्षमता बढ़ती है.
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वाशिंगटन स्थित कोरनेल यूनिवर्सिटी की तरफ से यह अध्ययन किया गया. इसके लिए शोधकर्ताओं ने 24 महिलाओं पर शोध किया.
इन महिलाओं को रोजाना 480 मिग्रा कोलीन हर रोज दिया गया. इसके प्रभाव से गर्भस्थ शिशु में स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल की मात्रा काफी कम हो गई, और मस्तिष्क के विकास के लिए, उसकी क्षमताओं को विकसित होने के लिए एक आदर्श स्थिति बनी.
क्योंकि हम सभी जानते हैं, कि स्ट्रेस अगर अधिक होता है, तो मस्तिष्क की अधिकतर गतिविधियां अपने आप से शिथिल पड़ जाती है. शरीर को कई प्रकार के रोग घेर लेते हैं. जो कि जानलेवा भी होते हैं.
गर्भावस्था तो एक ऐसी अवस्था होती है, जिसमें बच्चे के मस्तिष्क का विकास हो रहा होता है. तो अगर ऐसे में उस हार्मोन पर कंट्रोल बैठ जाता है, जो तनाव के लिए जिम्मेदार है और मस्तिष्क की गतिविधियों में अवरोध पैदा करता है, तो जाहिर सी बात है बच्चे के मस्तिष्क का विकास पूर्ण रूप से होगा, आपका बच्चा स्मार्ट होगा.
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अब यह बात आती है कि कोलीन का अरेंजमेंट आखिर कहां से किया जाए ताकि बच्चे के मस्तिष्क का विकास हो सके.
तो दोस्तों इसके लिए आप के आस पास एक सुपर फूड मौजूद है जिसे आप कोलीन की डाइट के लिए महिलाओं को दे सकते हैं.
प्रेगनेंसी का सुपर फूड - Pregnancy ka Super Food
दोस्तों वह सुपर फूड है अंडा जो बड़ी आसानी से आपको मिल जाएगा अंडे के सेवन से कोलीन की आवश्यक मात्रा प्राप्त की जा सकती है. लेकिन दोस्तों अंडा खाना गर्भवती महिला के लिए एकदम से सेफ नहीं होता है. लेकिन कैसे खाना इस पर चर्चा करें उससे पहले अपना टॉपिक कंप्लीट कर लेते हैं.शोध के अनुसार अंडे में मौजूद कोलीन गर्भस्थ बच्चे में तनाव संबंधी बीमारियां पैदा होने की आशंका कम करता है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कई बार तनाव में आ जाती हैं. इसका असर गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है. इसके कारण शिशु को बाद में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारी हो सकती है. अंडे में मौजूद कोलीन तनाव को समाप्त करता है.
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अगर आप प्रेग्नेंट हैं, और अपने बच्चे स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहती हैं, तो अब आपको ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है.
क्योंकि अंडा हमारे शरीर की जरूरतों को पूरा करने का सबसे अच्छा सुपर फूड है. अगर इसे प्रेग्नेंट वुमन अपनी डाइट में शामिल करें तो बच्चा सुंदर और स्मार्ट होता है.
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प्रेगनेंसी सुपर फूड अंडा खाने में सावधानी क्यों रखें
दोस्तों हमने यह जान लिया कि अंडा खाना किसी भी गर्भस्थ शिशु के लिए उसके मस्तिष्क के विकास के लिए उसके स्मार्ट होने के लिए कितना जरूरी होता है.
दोस्तों अंडे में बैक्टीरिया होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है, जो महिला की सेहत को बिगाड़ सकता है. अगर अंडे का सेवन ठीक तरह से पकाकर नहीं किया जाए, तो गर्भवती महिला को ‘सलमोनेला पॉइजनिंग’ होने की संभावना हो सकती है.
दोस्तों अंडे में बैक्टीरिया होने का खतरा बहुत ज्यादा होता है, जो महिला की सेहत को बिगाड़ सकता है. अगर अंडे का सेवन ठीक तरह से पकाकर नहीं किया जाए, तो गर्भवती महिला को ‘सलमोनेला पॉइजनिंग’ होने की संभावना हो सकती है.
हालांकि इससे आपके शिशु को कोई खतरा नहीं होता है लेकिन इससे आपकी असहजता बढ़ सकती है क्योंकि यह निम्न परेशानियों का कारण होता है:
• पेट में दर्द
• डायरिया
• अधिक उल्टी आना
• तेज बुखार
• सिर दर्द
आदि समस्याओं की शिकायत हो सकती है जो कि शिशु पर विपरीत असर डाल सकती है.
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