शिवलिंगी के बीज से पुत्र प्राप्ति करना, पुत्र प्राप्ति का उपाय माना जाता है. जिसमें हम आपको शिवलिंगी के द्वारा कैसे एक बंध्या स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति कर सकती है.
दोस्तो आप इस तरीके का इस्तेमाल तभी करें जब आप के यहां एक या दो पुत्री पहले से ही हो.
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शिवलिंगी बीज से पुत्र प्राप्ति कैसे होती है - Putra Prapti ke Upay
माना जाता है इसका प्रयोग तभी ज्यादा कारगर होता है, जब आप के यहां पहले से ही पुत्रियां होती है.ऋषि मुनियों की मानें तो अगर आप पहली संतान या पुत्र होने के बाद भी पुत्र की इच्छा के लिए इसका प्रयोग करते हैं तो महिला को गर्भपात के चांस बन जाते हैं.
इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है, बस मान्यता ही है, शिवलिंगी के बीज अगर महिला और पुरुष दोनों प्रयोग करते हैं, तो इससे पुरुषों के स्पर्म में बढ़ोतरी होती है. महिला अगर बच्चे पैदा करने में सक्षम ना हो तो उसके यहां संतान की प्राप्ति होती है. वह भी पुत्र संतान की. इसी कारण से पुत्र प्राप्ति के लिए शिवलिंग के बीज का प्रयोग किया जाता है.
अगर महिला लगातार 21 दिन तक शिवलिंगी के बीजों का सेवन करती है. उसके यहां पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है. ऐसा आयुर्वेद में माना जाता है. पुत्र प्राप्ति के लिए शिवलिंग के बीज का सेवन किस प्रकार से करें. और क्या क्या सावधानी रखें. उस संबंध में चर्चा करते हैं
शिवलिंगी के बीज से पुत्र प्राप्ति का उपाय कैसे करें
इसके लिए आपको शिवलिंगी के बीज कब खाना चाहिए, इस बारे में पता होना चाहिए. अगर महिला 5 शिवलिंगी के बीजों का रोज सुबह के समय खाली पेट 21 दिन तक सेवन करती है. तो महिला को उसके बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है.शिवलिंगी के बीज कब खाना चाहिए इसके लिए आप 108 शिवलिंगी के बीजों को खरल में कूट कर अत्यधिक महीन कर ले. पाउडर जितना महीन होगा उतना ही पचने में आसानी होगी. अब इस पिसे हुए पाउडर की आप बराबर बराबर 21 पुड़िया बना ले.
21 दिनों का यह चूर्ण आपको रोज गाय के दूध के साथ या बकरी के दूध के साथ लेना है.
पुत्र प्राप्ति रामबाण उपाय : कुछ बातों का ध्यान रखें
शिवलिंगी के बीज से पुत्र प्राप्ति की दवा कैसे बनाएं. शिवलिंगी के बीज कब खाना चाहिए. इस संबंध में आपको पूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई है, लेकिन इसके साथ-साथ आपको कुछ सावधानियां रखने की भी आवश्यकता होती है.
स्त्री और पुरुष दोनों हैं, अर्थात पति और पत्नी दोनों ही 21 दिन तक अपने लिए औषधि तैयार करें.
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शिवलिंगी बीज का सेवन कैसे करें
शिवलिंगी के बीज ज्यादा पुरानी नहीं होने चाहिए. और उन्हें कीड़ा भी ना लगा हो इस बात का भी ध्यान रखें.
जितने दिन आपको औषधि प्रयोग करनी है. उससे 10 दिन पहले से आपको तीखा खट्टा मसालेदार नॉनवेज खाना छोड़ना होगा. कुल मिलाकर आपका पाचन तंत्र मजबूत होना चाहिए. जिससे आप जो भी खाए वह आसानी से पच जाए.
दूध ऐसी गाय या बकरी का होना चाहिए. जिसने पुत्र को जन्म दिया है. अर्थात बछड़ा या बकरी का बच्चा.
पति पत्नी जब इस उपाय को करें, तो किसी तीसरे को ना बताएं. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण है.
शिवलिंगी के बीज ज्यादा पुरानी नहीं होने चाहिए. और उन्हें कीड़ा भी ना लगा हो इस बात का भी ध्यान रखें.
जितने दिन आपको औषधि प्रयोग करनी है. उससे 10 दिन पहले से आपको तीखा खट्टा मसालेदार नॉनवेज खाना छोड़ना होगा. कुल मिलाकर आपका पाचन तंत्र मजबूत होना चाहिए. जिससे आप जो भी खाए वह आसानी से पच जाए.
दूध ऐसी गाय या बकरी का होना चाहिए. जिसने पुत्र को जन्म दिया है. अर्थात बछड़ा या बकरी का बच्चा.
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इन दिनों ब्रह्मचर्य का पालन करें. इन दिनों ब्रह्मचर्य का पालन करें और जब महिला को नेक्स्ट महावारी आती है. उसके समाप्त होने के 5 दिन बाद से एक हफ्ते तक संतान प्राप्ति का प्रयास करें.
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अगर आपको इस बार सफलता प्राप्त नहीं होती है. गर्भ में संतान प्राप्ति को लेकर तो ठीक इसके बाद आप इसे दोबारा अगले 2 बार और अपना सकते हैं .ठीक इसी तरह, क्योंकि यह एक आयुर्वेदिक उपाय है, तो आप किसी वैद्य से भी परामर्श कर सकते हैं.
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