अपने इस Article के माध्यम से शास्त्रों के अनुसार गर्भ में बेटा होने के लक्षण जो लक्षण बताने जा रहे हैं, यह अलग अलग ज्योतिष संहिता से लिए गए हैं.
अलग अलग ऋषि मुनियों द्वारा जो ज्योतिष के संबंध में पुस्तके लिखी गई है. उन्होंने जो पुत्र होने के लक्षण अपनी पुस्तकों में शास्त्रों में दिए हैं. उनमें से कुछ हम आपको बताने जा रहे हैं.
दोस्तों इनका कोई भी वैज्ञानिक आधार अभी तक हमारे पास उपलब्ध नहीं है. कभी-कभी यह लक्षण ऑपोजिट जेंडर गर्भ में होने पर भी आ जाते हैं. लेकिन यह कम ही होता है, पर होता है.
क्योंकि हर महिला की प्रेगनेंसी अलग अलग होती है, तो शरीर के अनुसार कभी-कभी लक्षण ऑपोजिट भी आ जाते हैं.
You May Also Like : बच्चे की धड़कन और महिला के पेट से कैसे पता करे गर्भ में बेटा है
इसी वजह से इन्हें लक्षण कहा गया है. और इनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं माना जाता है. क्योंकि यह हंड्रेड परसेंट कार्य नहीं करते हैं. लेकिन 100 में से लगभग 90 मामलों में यह सटीक बैठते हैं.
शास्त्रों के अनुसार गर्भ में लड़का होने के 13 लक्षण - Gender Prediction ke 13 Lakshan
महिला का मेल वस्तुओं की तरफ आकर्षण
अगर प्रेग्नेंसी के समय महिला को पुरुष संगत चीजें ज्यादा पसंद आते हैं. एग्जांपल के लिए हम आपको समझा देते हैं. जैसे कि महिला केला, आम, सेब खाना ज्यादा पसंद करती है. और जैसे की लीची, सब्जियों में अरबी, लौकी, तोरी खाना पसंद नहीं करती है. यह सब स्त्रीलिंग चीजें कहलाती हैं. बेटी होगी.महिला के उठकर चलने के तरीके से जेंडर प्रिडिक्शन
आप गर्भवती महिला को बिना बताए गौर कीजिए अगर गर्भवती महिला उठकर जब चलती है, और वह चलने के लिए सर्वप्रथम अपना दाहिना पैर आगे बढ़ाती है, तो समझ लीजिए उसके गर्भ में लड़का है. आप इस बात को आठ-दस बार गौर कीजिए. अगर वह मैक्सिमम टाइम ऐसा ही करती है, तो यह गर्भ में लड़का होने की निशानी है.गर्भ में शिशु की एक्टिविटी से जेंडर प्रिडिक्शन
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर के आकार से जेंडर प्रिडिक्शन
5 से 6 महीने में आप एक बात और नोट कीजिए. अगर महिला के पेट का दाहिना हिस्सा बाएं हिस्से की तुलना में थोड़ा सा ज्यादा उभरा हुआ होता है, तो यह गर्भ में लड़का होने की निशानी है.पेट में वजन महसूस होने के आधार पर जेंडर प्रिडिक्शन
अगर गर्भवती महिला के पेट में दाहिनी तरफ भारी महसूस होता है. गर्भ में बेटा होने की निशानी है.शिशु की हलचल के पैटर्न के आधार पर जेंडर प्रिडिक्शन
पेट में हलचल मैक्सिमम समय दाहिनी तरफ ही महसूस होती है. तब भी गर्भ में लड़का होना तय माना जाता है. यह लक्षण आप 5 या 6 महीने के बाद नोट करें.You May Also Like : स्तन के आकार से जाने गर्भ में लड़का है या लड़की
महिला के किस स्तन में दूध पहले आता है इस आधार पर जेंडर प्रिडिक्शन
अगर गर्भवती स्त्री के दाहिने स्तन में पहले दूध आता है. यह गर्भ में लड़का होने की निशानी माना जाता है.ब्रेस्ट मिल्क को देखकर जेंडर प्रिडिक्शन
प्रेग्नेंसी के समय अगर महिला के स्तनों से दूध निकलता है, और वह गाढ़ा और सफेद हो तो यह है. गर्भ में पुत्र होने की निशानी है.इसके लिए आपको किसी घर की बड़ी महिला की मदद लेनी होगी. क्योंकि दूध कितना गाढ़ा होता है यह तो वही बता सकते जो पहले से ही माता बनी है.
गर्भवती स्त्री को भूख के पैटर्न के आधार पर जेंडर प्रेडिक्शन
अगर गर्भवती महिला को गर्भ काल में भूख अधिक लगती है. यह गर्भ में बेटा होने की निशानी है.और अगर महिला प्रसन्न रहती है तो भी यह लड़का होने की निशानी माना जाता है.महिला के पैरों की मोटाई के आधार पर जेंडर प्रिडिक्शन
प्रेगनेंसी के दौरान अगर गर्भवती स्त्री को अपनी दाहिनी जांग भरी लगती है, तो यह गर्भ में बेटा होने की निशानी होता है.You May Also Like : स्तन के आकार से जाने गर्भ में लड़का है या लड़की
You May Also Like : महिला के फेस की रीडिंग करके कैसे जाने गर्भ में लड़का है या लड़की है
महिला के बैठने के तरीके से जेंडर प्रिडिक्शन
गर्भ में क्या है यह जानने के लिए आप गर्भवती महिला को बिना बताए एक बात नोट कीजिए. अगर महिला फर्श पर बैठी है. और वह उठते समय अपने दाहिने हाथ का सहारा लेती है. और वह अक्सर ऐसा करती है. तो महिला के गर्भ में बेटा है. लगभग 5 महीने के बाद छठे सातवें महीने में तब आप यह प्रयोग करके देखें.मूत्र के रंग के आधार पर जेंडर प्रिडिक्शन
यह थे शास्त्रों के अनुसार गर्भ में लड़का होने के लक्षण इन्हें आप बेटी या बेटा होने के 13 लक्षण, भी कह सकते हैं. इन्हें देखिए, हमें कमेंट के माध्यम से यह जरूर बताएं, कि क्या उन्होंने आपके लिए भी काम किया .
आपके प्रश्न
Q. क्या जेंडर प्रिडिक्शन का हर लक्षण हर महिला के लिए कार्य करता है ?
ANS: यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है. हर महिला का शरीर अलग-अलग प्रकृति का होता है. महिला के शरीर में मिनरल्स, विटामिन, हारमोंस इत्यादि पोषक तत्वों की मात्रा भी अलग-अलग होती है. हर महिला का शरीर प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंसी हारमोंस के साथ अलग-अलग प्रकार से सेंसटिविटी प्रदर्शित करता है. इसलिए लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं. अगर 2 महिलाओं के गर्भ में एक ही जेंडर है, तो उस परिस्थिति में महिलाओं को कुछ लक्षण भिन्न भिन्न हो सकते हैं, या लक्षणों की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है.Q. किसी भी लक्षण को पुत्र प्राप्ति का या पुत्री प्राप्ति का लक्षण क्यों कहा जाता है?
ANS: कोई भी लक्षण 100% कार्य नहीं करता है. शरीर में 1 लक्षण कई प्रकार की समस्याओं में नजर आता है, इसलिए इन्हें लक्षण कहा जाता है. अगर कोई लक्षण 80% तक भी कार्य करता है, तो उसे उससे संबंधित शारीरिक परिवर्तन का लक्षण मान लिया जाता है. यह परिवर्तन गर्भावस्था भी हो सकती है, या शरीर में किसी प्रकार की कोई समस्या या शारीरिक स्वास्थ्य भी हो सकता है.
अगर 100 महिलाओं के गर्भ में लड़का है, अगर कोई लक्षण लगभग 80 महिलाओं में नजर आता है, तो उसे पुत्र प्राप्ति का लक्षण मान लिया जाता है.
ऐसे ही अगर 100 महिलाओं के गर्भ में लड़की है, और कोई लक्षण लगभग 80 महिलाओं को या उससे अधिक महिलाओं को नजर आता है, तो वह गर्भ में लड़की होने का लक्षण माना जाता है.
पुत्र और पुत्री 2 ऑपोजिट लिंग है. इसलिए दोनों के लक्षण भी अलग-अलग माने जाते हैं. हालांकि प्रेगनेंसी के दौरान कुछ लक्षण कॉमन भी होते हैं, उन्हें जेंडर प्रिडिक्शन में काउंट नहीं किया जाता है.
Q. गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण बताइए?
ANS: किसी भी गर्भवती स्त्री को गर्भ में पुत्र या पुत्री होने पर अलग-अलग प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं. इन्हीं लक्षणों में अंतर समझ कर पुत्र या पुत्री होने की भविष्यवाणी की जाती है.
संतान प्राप्ति के लक्षण समाज में अनुभव के आधार पर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आ रहे हैं. इन लक्षणों का मेडिकल साइंस से कोई भी संबंध नहीं है.
आर्टिकल के अंदर गर्भ में बेटा होने के 4 लक्षण नहीं बल्कि 13 लक्षणों को प्रदर्शित किया गया है, जो गर्भ में जेंडर की गणना करने का कार्य करते हैं. महिला की शरीर को देखकर, महिला के की त्वचा को देखकर, बालों को देखकर, शरीर के आकार को देखकर बहुत सारे जेंडर प्रिडिक्शन किए जाते हैं.
Q. शास्त्रों के अनुसार गर्भ में लड़का होने के लक्षण क्या है?
ANS: अलग-अलग धार्मिक शास्त्रों में संतान प्राप्ति से और उनके लक्षणों से संबंधित चर्चाएं अलग-अलग स्थानों पर आवश्यकता अनुसार की गई है.
इस आर्टिकल के माध्यम से हम अलग-अलग शास्त्रों में बताए गए 13 ऐसे लक्षण लेकर आए हैं, जो संतान प्राप्ति से संबंधित हैं.